Monday 27 March 2017

सुखी जीवन का महामंत्र

सुखी जीवन का म हामंत्र खुश रहना  है। खुश या दुखी रहना हमारे ही हाथ मे है। कोई भयि व्यक्ति हमारी मरजी के बिना हमे दुखी नही कर सकता। खुशहाली की चाभई अपने हाथ रखीये । कोई भई व्यक्ति अपनी मरजी से आ पको चलाये एसई स्थिति नही आने दीजिए। ऐसे रीमेट कार कभई जीवन मे खुश नही रह् सकता।
खुसई हमारे भईतर ही समाहित है। इसे दुसरो कि मरजी मे खोजने कि कोशिश न क रे। खूब खाये पीये, मसति करे। खुसई सयम मे बदलाव लाने से मईलेजी।

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