Sunday 10 February 2019

हमें 14 फरवरी को वैलेन्टाइन दिवस मनाना चाहिए या नहीं?

 वेलेंटाइन दिवस मनाना हमारी संस्कृति नहीं है। हम तो श्रीकृष्ण के सन्तति और उस संस्कृति के ध्वजवाहक हैं, जिनका हर दिवस कोई न कोई पर्व,त्योहार,उत्सव होता है। हम सकल विश्व की सुखकामना, उत्तम स्वास्थ्य की कामना करने वाले, हर नर नारी से बिना स्वार्थ प्रेम करने वाले,देव ऋण, पितृ ऋण आदि से मुक्ति को अपना पुरुषार्थ समझने वाले लोग हैं। वैलेन्टाइन डे उस संस्कृति का हिस्सा है,जहां एक दिन प्रेम के नाम पर उतशृंखलता किया जाता है,हमारी संस्कृति हर दिन, हर क्षण निश्वार्थ भाव से अपना कर्तव्य समझ कर अपने माता पिता,पत्नी,बच्चों, भाई बहन,पड़ोसी,बन्धु बांधव की सेवा में समर्पण का भाव पैदा करता है सो 14 फरवरी भी बस एक दिवस है,बस और कुछ नहीं।
इस भौतिकवाद,बाजारवाद की उपज दिवस को उन्हीं लोगों के लिए छोड़ दें, जिन्हें अपनी संस्कृति का भान नहीं।

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